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[email protected]नई दिल्ली : बीजेपी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले चार महीने में होने वाले पांच राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अपने एक्शन प्लान को फाइनल करेगी। पार्टी के आला नेता न सिर्फ इन पांच राज्यों के चुनाव जीतने के लिए जीत का मंत्र देंगे, बल्कि साथ ही देशभर के नेताओं को यह भी बताया जाएगा कि उन्हें किस लाइन के तहत केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच पेश करना है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की नजर कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा और मेघालय पर है। इन पांचों ही राज्यों में अगले साल जनवरी-फरवरी तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी चाहती है कि इस वक्त मोदी सरकार के प्रति सोशल मीडिया पर जो अभियान चल रहा है, उसकी लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि पार्टी इन राज्यों में अपनी जीत का डंका बजाए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि रविवार को भी जब पदाधिकारियों की बैठक के बाद कुछ राज्यों की राजनीति पर चर्चा हुई, उस वक्त भी इन राज्यों का जिक्र किया गया।पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को कार्यकारिणी के अंतिम दिन बैठक में इन राज्यों की राजनीतिक स्थिति का और विस्तार से आकलन किया जाएगा। पार्टी नेताओं का कहना है कि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश बीजेपी के लिए सबसे अहम राज्य हैं। इनमें अभी कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में पार्टी चाहती है कि इन दोनों ही राज्यों को कांग्रेस से छीना जाए और गुजरात में भी फिर से भारी जीत हासिल की जाए। पार्टी नेता इसी इरादे से इन राज्यों के नेताओं से स्थिति की जानकारी लेकर उन्हें निर्देश देंगे कि आगे किस तरह की रणनीति पर काम किया जाए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, त्रिपुरा ओर मेघालय के चुनाव के लिए भी पार्टी यह तय करेगी कि वहां के स्थानीय दलों के साथ किस तरह से तालमेल किया जाए कि पूरे उत्तर भारत में एनडीए का झंडा लहराने में मदद मिले। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की बैठक में पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष के समापन कार्यक्रम के तहत बीजेपी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री दोनों ही गरीब समर्थित नीतियों का जिक्र करते हुए पार्टी को लाइन देंगे कि उन्हें राज्यों में जाकर गरीबों पर फोकस करना होगा।पार्टी सूत्रों का कहना है कि चूंकि यह फीडबैक आ रहा है कि कुछ जगह सरकार को लेकर नाराजगी है, इसलिए इस बार बैठक में देशभर के सांसदों और विधायकों समेत पार्टी के लगभग दो हजार नेताओं को बुलाया गया है। पार्टी नेताओं और जनप्रतिनिधियों को पार्टी कुछ दिशा-निर्देश भी देगी, ताकि सरकार की नीतियों को जनता के बीच ले जाकर यह साबित किया जाए कि मोदी सरकार गरीबों के पक्ष में काम कर रही है। इसके अलावा बैठक में जीएसटी और नोटबंदी के फायदे बताते हुए जनप्रतिनिधियों से कहा जाएगा कि वे जनता को बताएं कि ये दोनों ही फैसले दीर्घकाल में देश के लिए फायदे वाले होंगे।