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धनंजय नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से यूपी में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाने वाली बीजेपी खुद इस आरोप में बुरी तरह फंस गई है। जहरीली सीडी के नाम से कुख्यात हुई सीडी बीजेपी के खिलाफ एक ठोस सबूत के रूप में सामने आ गई है। पहले साड़ी और अब सीडी कांड में फंसे यूपी में पार्टी के विपक्ष के नेता लालजी टंडन की उम्मीदवारी खतरे में पड़ गई है। ऐसा माना जा रहा है कि यूपी चुनाव में पार्टी संघ के वर्चस्व की वजह से बुरी तरह फंसी है। वैसे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कृपापात्र होने के नाते इस बात की संभावना कम ही है कि पार्टी टंडन के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी। इस बारे में चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब देना पार्टी के लिए टेढ़ी खीर है। माना जा रहा है कि यूपी चुनाव पर इस बार संघ की गिरफ्त की वजह से यह सीडी बनाई गई और बीजेपी इसे चाहकर भी नहीं रोक पाई। आयोग के नोटिस के बाद इससे निपटने के लिए देर रात तक गहन विचार-विमर्श का दौर जारी रहा। लालकृष्ण आडवाणी सहित पार्टी के कुछ सीनियर नेता यूपी का चुनाव प्रचार छोड़कर दिल्ली के लिए कूच कर गए हैं। इस बीच, प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढ़ी ने पार्टी को सीडी के मामले में नोटिस मिलने के सवाल पर कहा कि आयोग को नोटिस भेजने का हक है। हम इसका समुचित जवाब देंगे। लेकिन हम अभी भी कह रहे हैं कि पार्टी ने इस सीडी को अधिकृत नहीं किया था।