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नरेन्द्र नाथ, नई दिल्ली कट्टर हिंदूवादी संगठनों सहित पार्टी के अन्य नेताओं की ओर से आ रहे अनाप-शनाप बयानों पर विवाद से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के अजेंडों पर ज्यादा फोकस करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने पार्टी के सीनियर नेताओं, मंत्रियों से कह दिया है कि वह ऐसे बयानों को तवज्जो न दें और इस पर होने वाली बहस से दूर रहें। पीएम मोदी ने इसके अलावा नेताओं/मंत्रियों को सरकार के अजेंडों को आक्रामक तरीके से सामने लाने को कहा है। इसके तहत मंत्रियो और नेताओं की टीम को बजट सेशन के पहले ब्रेक के बाद अलग-अलग टुकड़ों में राज्यों का दौरा कर बजट और इसमें गरीबों के लिए किए गए तमाम प्रावधानों के बारे में बताने को कहा गया है। ये टीम राज्यों में अलग-अलग संगठन से भी मिलेंगी और लैंड ऑर्डिनेंस जैसे मुद्दों पर भी सरकार का रुख रखेगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में प्रेजिडेंट के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रखते हुए संकेत दिया था कि वह ऐसे बयानों से नाराज हैं। उन्होंने कहा था कि किसी को अनाप-शनाप बयान की इजाजत नहीं है। इस पर रोक लगाने के कई उपाय उनके पास हैं। पीएम इस बात से भी नाराज हैं कि सार्वजनिक तौर पर ऐसी बातों पर नाराजगी जताने के बावजूद बयानों का आना बंद नहीं हुआ है। इससे ऐसा संदेश गया है कि बयान देने वाले पीएम की भी नहीं सुन रहे हैं। पार्टी उठाए कदम सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से कहा है कि पार्टी के अंदर नेताओं को सख्त संदेश दें कि भड़काऊ बयान से वह अपनी पार्टी और सरकार को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, जो कतई स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे सरकार की नीतियों को प्रचार करने के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम चलाएं और मीडिया, सोशल मीडिया जैसे सार्वजनिक मंच पर बहस का अजेंडा इन मुद्दों पर तय करें ताकि भड़काऊ बयानों को ज्यादा नोटिस न मिले। आपको बता दें कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने आरएसस प्रमुख भागवत से भी आग्रह किया था कि वह ऐसे बयानों पर अपने लेवल पर रोक लगवाएं, ताकि सरकार अपना काम कर सके।