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प्रमुख संवाददाता नई दिल्ली: बीजेपी ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को 'मौत का सौदागर कौन', सवाल पर राष्ट्रीय बहस की चुनौती दी है। पार्टी ने इमरजेंसी के दौरान हुए जुल्मों, सिख दंगे, भागलपुर दंगे, पंजाब में हुए सैकड़ों फर्जी मुठभेड़ों आदि का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस को दूसरों पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पार्टी ने एक बयान के लिए सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी को भी आड़े हाथों लिया है। पार्टी सोनिया गांधी द्वारा चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब पर बिफरी हुई है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने नियमित ब्रीफिंग में कहा कि सोनिया ने गुजरात में मौत का सौदागर जुमले के प्रयोग के मसले पर चुनाव आयोग को दिए जवाब में एक बार फिर बीजेपी व नरेंद्र मोदी पर 'मौत का सौदागर' होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस जुमले पर पांच बार पलटी मारी, इससे उसकी दुविधा साफ झलकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस व वामपंथी दल धोखाधड़ी, फरेब व झूठ की कला में माहिर हैं। वे बीजेपी पर उन अपराधों का आरोप लगा रहे है, जिनमें वे खुद लिप्त हैं। जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में सिख दंगे की दोषी रही है। इमरजेंसी के दौरान जबरन नसबंदी की गई और नृशंस हत्याएं कराई गईं, भागलपुर दंगे में हजारों की जानें गईं। कांग्रेस ने विभिन्न राज्यों में चुनावी फायदे के लिए माओवादियों से गुप्त समझौते किए। उन्होंने कांग्रेस पर पंजाब में सैकड़ों फर्जी मुठभेड़ों का भी आरोप लगाया। उन्होंने सीताराम येचुरी को नंदीग्राम की याद दिलाते हुए उनके द्वारा बीजेपी पर लगाए गए माओवादियों से सांठगांठ के आरोप को सरासर झूठा करार दिया। माओवादियों और नेपाल सरकार के बीच समझौता कराने व तस्लीमा मामले में कट्टरपंथियों के सामने घुटना टेकने की याद दिलाते हुए जावडेकर ने उन्हें अपने गिरेबां में झांकने को कहा।