बदले परिवेश में शिशुओं की शिक्षा चुनौतीपूर्ण : डा. अशोक

बदलेपरिवेशमेंशिशुओंकीशिक्षाचुनौतीपूर्ण:डा.अशोक

संवादसहयोगी,झुमरीतिलैया(कोडरमा):विद्याभारतीविद्यालयशिवतारासरस्वतीविद्यामंदिरमेंगुरुवारकोविद्यालयवार्षिककार्यशालाकाआयोजनहुआ।इसकाशुभारंभमुख्यअतिथिविद्यालयउपाध्यक्षडा.अशोकअभिषेक,सचिवसुभाषप्रसादबर्णवालवप्राचार्यउमेशप्रसादनेमांसरस्वतीकेसम्मुखदीपप्रज्ज्वलनएवंपुष्पार्चनकिया।कार्यशालामेंडा.अशोकअभिषेकनेकहाकिबदलेपरिवेशमेंशिशुओंकीशिक्षाचुनौतीपूर्णहै।बाल्यावस्थाबालककानिर्माणकालहै।बच्चोंकेजीवनकेपहलेछहसेआठवर्षउसकेजीवनभरकेविकासकेलिएमहत्वपूर्णहै।इनवर्षोमेंइनमेंध्यान,स्मृति,कल्पनावसंवेदनाकीगतितेजहोतीहै।शरीरतथामस्तिष्कज्यादाग्रहणशीलहोताहै।इसलिएजरूरतहैकिविद्यालयमेंछोटेबच्चोंकेलिएवातावरणअच्छाएवंप्रेरणादायकहो।विद्यालयप्राचार्यउमेशप्रसादनेगतवर्षकीउपलब्धिएवंनवीनसत्रकेलक्ष्योंपरविस्तारसेचर्चाकी।धन्यवादज्ञापनआचार्यसिद्धिप्रसादनेकिया।कार्यक्रममेंहजारीबागविभागकेविभागप्रमुखओमप्रकाशसिन्हाएवंसहविभागप्रमुखतुलसीप्रसादठाकुरनेनवीनसत्रकेलिएहार्दिकशुभकामनाएंदी।कार्यक्रममेंआचार्यप्रभातकुमार,अरुणकुमार,कृष्णचंद्रकन्हैया,सिद्धिप्रसाद,बृजेशकुमार,राजेश्वरसिंह,नागेशचंद्रसिंहा,उमेशकुमार,रविताउपाध्याय,श्वेताकुमारी,रिंकीसिंह,अल्पाकुमारी,रूबितासिन्हा,आशाकुमारी,लख्खीसिंह,आनंदप्रकाश,बहादुरसाह,राजूसिंह,संतोषबर्णवाल,सुदेशकुमार,रविरंजन,बबलूप्रजापति,सुनीलकुमारसहितसभीआचार्यउपस्थितथे।