गोविंदाचार्य ने बताया विकास का सही रास्ता, बोले- जमीन, जल, जंगल और जानवर के साथ जन का अनुकूल जीवन बने

कानपुर,जेएनएन।भाजपा नेता एवंप्रमुखप्रचारकगोविंदाचार्यकाकहनाहैकिदेशमेंविकासकीपरिभाषा,स्वरूपऔरमानककेबारेमेंपुनर्विचारकीजरूरतहै।मानवकेंद्रितविकासकीदिशामेंदोसौवर्षोंकेप्रयाससेहटकरप्रकृतिकेंद्रितविकासकीओरबढऩाहै।वहबिठूरमेंसुधांशुजीमहाराजकेआश्रममेंशनिवारसेशुरूहोनेवालीदोदिवसीयभारतविकाससंगमकीबैठकमेंभागलेनेकेलिएआएहैं।

उन्होंनेकहाकिजमीन,जल,जंगल,जानवरकेसाथजनकाअनुकूलजीवनबने,यहीविकासकासहीरास्ताहै।आजविकासकेअधिष्ठानकोबदलनेकीजरूरतहै।यहबदलेगातोमानकभीबदलेंगे।आजजीडीपीसेहटकरहमेंसुखकेमानकतयकरनेहोंगे।उन्होंनेकहाकिइनसभीविषयोंपरदोदिनकीबैठकमेंचर्चाहोगीऔरवित्तीयवर्ष2021-22मेंहीइनबिंदुओंकोनिपटालेनाहै।गोविंदाचार्यनेकहाकिइसकेलिएलगातारबौद्धिकरचनात्मक,आंदोलनात्मककार्यसंगठनकररहाहै।इसरचनात्मकआंदोलनकेलिएसरकारसेनभीखमांगेंगे,नहीटकरावचाहेंगे।

उनकेमुताबिकजबसमाजआगेऔरसत्तापीछेचलेगीतभीस्वस्थविकासहोगा।दोदिनकीबैठककेसंबंधमेंउन्होंनेबतायाकिसंगठनहमारागांव,हमारादेशथीमपरकार्यकररहाहै।प्राकृतिकसंसाधनोंकापोषणहीविकासहै,इसेमाननेवालेहीबैठकमेंआगेकीयोजनातैयारकरेंगे।उनकेअनुसारदेशमें127ईकोएग्रोक्लाइमेटिकजोनहैं।प्रत्येककीअलगखासियतहै।इन्हेंविकेंद्रितविकासकाकेंद्रबनानाहै।इसकेसाथही10हजारसक्रियसमूहोंकीपत्राचारसूचीबनानीहै।