देहरादून,पांचमईभाषाराष्ट्रपतिप्रणबमुखर्जीनेआजकहाकिविकासऔरसंरक्षणविरोधाभासीनहींहैंऔरमानवताकेसततविकासकेलियेदोनोंकेबीचसंतुलनसाधेजानेकीजरूरतहै।यहांइंदिरागांधीराष्ट्रीयवनअकादमीकेदीक्षांतसमारोहकोसंबोधितकरतेहुएमुखर्जीनेकहा,पूरीदुनियामेंविकासबनामसंरक्षणपरबहसचलरहीहैं।मेरेनजरियेसेविकासऔरसंरक्षणविरोधाभासीनहींहै।मानवताकोदोनोंकीजरूरतहैऔरसततविकासकेलियेदोनोंकोसाथ-साथचलनाचाहिये।युवाअधिकारियोंसेविकासबनामसंरक्षणकीबहसकाविशेषग्यसमाधानउपलब्धकरानेकोकहतेहुएराष्ट्रपतिनेकहाकिप्राकृतिकसंसाधनप्रबंधककेरूपमेंउनकापहलादायित्ववनोंऔरउनकीउपजकीरक्षाकरनातथाजंगलोंपररोजीरोटीकेलियेनिर्भरस्थानीयजनताकोसहारादेनाहै।सीमितप्राकृतिकसंसाधनोंकेउचितउपयोगपरजोरदेतेहुएराष्ट्रपतिनेकहा,हालांकि,आपकोयहभीदिमागमेंरखनाहोगाकिधरतीमाताकेपासअपनेबच्चोंकीजरूरतोंकोपूराकरनेकेलियेतोसबकुहैलेकिनउनकेलालचकोपूराकरनेकेलियेयहपर्याप्तनहींहै।भारतीयवनसेवाकेअधिकारियोंकोअकादमीमेंउनकेपेशेवरकोर्सकेसफलसमापनपरउन्हेंबधाईदेतेहुएउन्होंनेकहाकिइसीकेसाथवेभारतमें100वर्षसेभीअधिकपुरानेवैग्यानिकऔरव्यवसायिकवानिकीप्रबंधनकीउसविशालविरासतकाहिस्साबनजायेंगेजोब्रिटिशकालमेंशुरूहुईथी।मुखर्जीनेकहाकिइसप्रतिष्ठितसंस्थानमेंमिलाप्रशिक्षणउन्हेंजलवायुपरिवर्तनसमेतआगेआनेवालीसभीचुनौतियोंकेलियेतैयारकरेगा।उन्होंनेकहा,आपकोअकादमीमेंहासिलहुईविशेषग्यताकाउपयोगजलवायुपरिवर्तनकीचुनौतीकीकाटकेलियेतरीकेईजादकरनेकाप्रयासकरनेकेलियेकरनाचाहिये।उन्होंनेभारतमेंवनक्षेत्रबढनेपरभीखुशीजाहिरकीजोतीससालपहले64.2मिलियनहेक्टेअरसेबढ़करआज79.4मिलियनहेक्टेअरहोगयाहै।