पेड़ कम कटें इसलिए अब शव जलाए नहीं बल्कि दफनाए जाएंगे, संस्कृति का एक हिस्सा थी शराब, उस पर भी पूर्ण पाबंदी, दहेज पर पूरी तरह प्रतिबंध

रिजवानखान|गोंड़समाजमेंऐतिहासिकनिर्णयलियागयाहैकिसमाजकेलोगअबशवोंकोजलाएंगेनहींबल्किदफनाएंगे।प्रकृतिकोकमनुकसानहोइसलिएयहनिर्णयलियागयाहै।इसकेसाथहीसमाजकेसभीसमारोहोंमेंशराबअबपूर्णरूपसेप्रतिबंधितहोगा।देवी-देवताओंकीपूजामेंभीशराबअर्पणकरनेकीपरंपरारहीहै,तोइसकीजगहअबमहुआकाफूलअर्पितकियाजाएगा।

अगरकिसीभीसामाजिकसमारोहमेंशराबपिलाईगई,तोआयोजकपरअर्थदंडलगायाजाएगा।जन्मोत्सवमेंशराबपरदोहजारतोवैवाहिककार्यक्रममें5हजाररुपएअर्थदंडरखागयाहै।सिर्फशराबहीनहीं,बल्किकईऐसेफैसलेकिएगएहैं,जोसमाजकोआगेबढ़ानेवालीसोचकोप्रदर्शितकरतीहै।ज्यादातरलोगजानतेहीहोंगेकिकईआदिवासीसमाजयासमूहोंमेंशराबउनकीसंस्कृतिकाएकहिस्सारहाहै।

छत्तीसगढ़मेंइनमेंगोंडसमाजप्रमुखहै।गोंडसमाजनेअपनेमहासभामेंऐतिहासिकनिर्णयलेतेहुएऐलानकियाहैकिसमाजकोसुधारकीदिशामेंआगेबढ़ानाहै।कवर्धाकेसरदारपटेलमैदानमेंजिलागोंड़समाजसेवासमितिनेगोंडवानागोंड़महासम्मेलनकाआयोजनकिया।

इसमेंसमाजकेलिएसंविधानतैयारकियागयाहै,जो60पेजकाहै।इसमें50सेअधिकप्रस्तावपारितकिएगएहैं।प्रमुखरूपसेशराबपरप्रतिबंध,दहेजपररोक,समाजमेंमृत्यु,जन्मवविवाहसमेतअन्यकार्यक्रममेंपवित्रग्रंथगोंडीकोयापूनेमकेआधारपरकामकरनाशामिलहै।समाजद्वाराबनाएगए60पेजकेलिखितसंविधानकोजिलामहासचिवसिद्दराजमेरावीसमेतपदािधकारियोंनेअनुमोदनकियाहै।

येनियम:दहेजपरपूर्णप्रतिबंध

गोंड़समाजप्रकृतिसेजुड़ाइसलिएप्रकृतिकीरक्षा

समाजकेमहासचिवसिद्दराममेरावीनेबतायाकिगोंड़समाजकीरीतिनीति,संस्कृतिवपरंपराएंप्रकृतिसेजुड़ीहैं।सदियोंपहलेशवोंकोदफनायाहीजाताथा।अबउसपरंपराकोफिरसेशुरूकरनाहैक्याेंकिअबयहजरूरतहै।पेड़कमसेकमकटें,प्रकृतिकाकमनुकसानहोइसलिएशवोंकोदफनानाज्यादासहीहोगा।निर्णयसमाजकेलोगोंपरनिर्भरहै।