उपेक्षा का दंश झेल रहा आजादी से पूर्व का उच्चतर विद्यालय कोआथ

रोहतास:अपनेगौरवशालीअतीतकोसमेटेप्रखंडक्षेत्रकासबसेपुरानापं.जगनारायणउच्चतरविद्यालयकोआथआजअपनीउपेक्षाकादंशझेलरहाहै।यहांसेपढ़ाईकरनिकलेसौसेअधिकछात्र-छात्राओंनेडाक्टरइंजीनियरसमेतउच्चअधिकारीबनक्षेत्रकानामरोशनकियाहै।विभागीयउदासीनतावअधिकारियोंकीमनमानीकेचलतेविद्यालयभवनखंडहरमेंतब्दीलहोरहाहै।किसीतरहसेमरम्मतकराकरविद्यालयचलायाजारहाहै।इसविद्यालयकाअतीतइतनाअच्छारहाहैकियहांहरवर्षसैकड़ोंछात्र-छात्राएंनामांकितहोतेहैं।

आजादीसेपूर्वकाहैविद्यालय

सेवानिवृतशिक्षकमनोरंजनरायकेअनुसारइसविद्यालयकीस्थापनाचारजनवरी1927कोयोगिनीनिवासीपं.जगनारायणदुबेद्वाराकीगईथी।विद्यालयमेंभवनकेसाथ,छात्रावास,खेलमैदानसमेतआठएकड़सेज्यादाजमीनउपलब्धहै।पठन-पाठनकेलिएकुल31कमरेहैं,जिसमेंनौमरम्मतकेअभावमेंबेकारहोगएहैं।27शिक्षकोंकीजगहपरफिलहाल19शिक्षकवतीनशिक्षिकाकार्यरतहैं।वर्गनौसे12वींतकके2562छात्र-छात्राएंनामांकितहैं।राष्ट्रीयशिक्षकपुरस्कारसेसम्मानितहोचुकेहैंयहांकेप्रधानाध्यापक

विद्यालयकेलिएगौरवकीबातहैकि1936से1966लगभग30वर्षोंतकयहांप्रधानाध्यापकरहेउमानाथओझाकोराष्ट्रपतिद्वाराराष्ट्रीयशिक्षकपुरस्कारसेसम्मानितकियागयाथा।उसजमानेमेंदूर-दूरतकविद्यालयनहींथे।काफीदूरसेयहांछात्रपढ़नेआतेथे।छात्रावासकीसुविधाहोनेकेचलतेदूरदराजकेछात्रयहांरहकरपठनपाठनकरतेथे।सैकड़ोंछात्र-छात्राओंनेविद्यालयकानामकियाहैरोशन

यहांसेसैकड़ोंछात्र-छात्राएंपढ़करउच्चपदकोप्राप्तकरअपनेविद्यालयकानामरोशनकरचुकेहैं।यहांसेपढ़ेनगरपंचायतकोआथनिवासीजितेंद्रचौधरीआइईएसकीपरीक्षामेंसफलरहेहैं।भोजपुरजिलाकेलहठाननिवासीनरसिंहनारायणसिंहने1983मेंएडीएम,मंगलपांडेयनेरांचीविश्वविद्यालयमेंवीसीवइटवागांवनिवासीरामकृष्णरायनेकृषिविभागकेउच्चपदकोप्राप्तकिया।मनीषकुमारनेउच्चशिक्षाहासिलकरयूएसएकेकैलिफोर्नियामेंदेशवविद्यालयकानामरौशनकररहेहैं।कईछात्रडाक्टर,इंजीनियरवअन्यअधिकारीबनेहैं।

बदलतेपरिवेशमेंआजसरकारीस्कूलोंसेलोगोंकाध्यानभटकगयाहै।यहांआजभीआठघंटीपढाईहोतीहै।अभिभावकोंवशिक्षकोंकासमन्वयस्थापितकरनेकीजरूरतहै।संकल्पकेसाथसरकारीस्कूलोंपरध्यानदियाजाएतोशिक्षकोंवअभिभावकोंकासमन्वयस्थापितहोजाएगा।इससेसरकारीस्कूलोंकेप्रतिलोगोंकाभरोसाबढ़ेगाऔरविद्यालयकेगौरवशालीअतीतकोवर्तमानमेंभीसाकारकियाजासकताहै।

राजीवरंजनचतुर्वेदी,प्रभारीप्रधानाध्यापक