हई स्कूल क इंग्लश पेपर
दरबान सिंह (1914), राइफलमैन गबर सिंह (1915) व लेफ्टिनेंट कर्नल यूडी कैनी (1920) की प्रतिमाएं भी गढ़वाल राइफल्स के गौरवपूर्ण इतिहास की याद दिलाती हैं। विदित हो कि 1948 में तीसरी गढ़वाल राइफल्स ने पाकिस्तान के टिथवाल से पाकिस्तानी सेना को महज चौबीस घंटे में खदेड़ दिया था। वहीं, तीसरी गढ़वाल ने कोकाई की स्पीन धारा रिज में भी जीत हासिल की, जिसके बाद इस रिज का नाम ही गढ़वाल रिज पड़ गया। इन दोनों युद्धों की विजय झलक संग्रहालय में देखी जा सकती है।